बड़ी खबर : CM धामी ने पलटा त्रिवेंद्र का फैसला, तीर्थपुरोहित खुश, आखिर क्यों पड़ी बोर्ड को बनाने-भंग करने की जरुरत?
देहरादून : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल के दौरान लिए बड़े फैसले को पलट दिया है। जिससे तीर्थ पुरोहित काफी खुश हैं। चारोंधामों से से तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों और पंडा सामजों ने सरकार का धन्यवाद अदा किया है। वीडियो जारी कर सीएम धामी का शुक्रिया अदा किया जा रहा है। सीएम धामी ने भी ट्वीट करते हुए एक पोस्ट शेयर की और बधाई दी।
सीएम धामी ने लिखा कि आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्री मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
आखिर क्यों पड़ी बोर्ड को बनाने की और भंग करने की जरुरत?
आपको बता दें कि इस बोर्ड के गठन से पहले चारोंधामों की सारी व्यवस्था का जिम्मा तीर्थपुरोहितों के हाथ में था। साथ ही चढ़ावे की जिम्मेदारी भी उन्हीं के हाथ में थी लेकिन बोर्ड के गठन के बाद ये सारा अधिकार और पावर सरकार के हाथ में आ गई जो की तीर्थपुरोहितों को नगवार गुजरी। तब से तीर्थ पुरोहित प्रदर्शन करते आ रहे थे। क्योंकि बोर्ड के गठन के बाद चारोंधामों में प्रबंधन व्यवस्था सरकार के हाथ में आ गई थी। और जो चढावा चढ़ता था उसका प्रयोग सरकार राज्य में पार्क बनाने, स्कूल बनाने में करती लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया।
आपको बता दें कि काफी समय से तीर्थ पुरोहित त्रिवेंद्र रावत द्वारा बनाए गए बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और जगह-जगह धरने दे रहे थे। तीर्थपुरोहितों ने तो चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला ले लिया था। और साथ ही देहरादून में सचिवालय कूच भी किया था लेकिन आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया।