हरिद्वार breaking : हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी, कोविड गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां, कांवड़ियों के 5 वाहन लौटाए

हरिद्वार बॉर्डर पर पुलिस का पहरा लगा हुआ है। गुरु पूर्णिमा के स्नान के अवसर पर शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा घाटों में आस्था की डुबकी लगाई। लेकिन इस दौरान कोविड गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। हरिद्वार के कई जगहों पर सरकार और पुलिस के दावे हवा में उड़ते दिखे। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं दिखाई दिए। कई लोग तो बिन मास्क के दिखे। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं कि वैसे तो पुलिस मास्क न पनने पर चालान काटती है लेकिन ऐन मौके पर जब बाहरी राज्य के लोग गंगा में डुबकी लगाने आ रहे हैं ऐसे में इतनी बडी लापरवाही। वहीं कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई है लेकिन फिर भी कांवडिए उत्तराखंड आ रहे हैं जिनको पुलिस ने वापस लौटाया है।

जी हां आपको बता दें कि  शुक्रवार को श्यामपुर बॉर्डर से कांवड़ियों के पांच वाहन लौटाए गए। नारसन, चिड़ियापुर, श्यामपुर, भगवानपुर से 120 वाहनों को वापस लौटाया गया। ये लोग हरिद्वार आ रहे थे और इनके पास आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। बॉर्डर पर जब वाहन स्वामियों से टेस्ट करवाने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते हुए 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व स्नान सांकेतिक रखा गया था। कहा गया था कि श्री गंगा सभा के लोग और तीर्थ पुरोहित ही सांकेतिक रूप से पूजन कर स्नान करेंगे।

वहीं कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद हरिद्वार जिले के बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई है। 25 जुलाई से श्रावण मास भी शुरू हो रहा है। देश के अलग-अलग कोनों में रहने वाले भक्त गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार में रहने वाले अपने गुरुओं का पूजन करने आते हैं, लेकिन इस बार भक्तों को गुरु से आशीर्वाद लेने आने के लिए अपनी 72 घंटे पूर्व की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी है।

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