उत्तराखंड : मामा ने भांजे से कहा था-तेरी मां मर गई, 5 साल बाद सच्‍चाई सामने आने पर खिसकी पैरों तले जमीन

नैनीताल के कालाढूंगी से भाई बहन को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जो बहन भाई की रक्षा के लिए उसके हाथ में रक्षा सूत्र बांधती थी उस बहन को भाई ने जीते जी मार दिया। लेकिन पांच साल बाद सच्चाई सामने आने पर सबके पैरो चले जमीन खिसक गई। मामा ने अपनी मां को लेने आए भांजे से कहा कि उसकी मां मर गई है। लेकिन पांच साल बाद सच्चाई सामने आने पर सभी हैरान रह गए।

दरअसल कृष्ण गोपाल ने पुलिस को बताया कि उनकी मां रमा देवी (68) बिजनौर के नगीना के सैदपुर महीचंद गांव स्थित पुश्तैनी घर में रहती थी लेकिन वो जुलाई 2015 में कालाढूंगी में अपने भाई राजन मेहरा यानी की मामा के घर गई थीं। फरवरी 2016 में कृष्ण गोपाल के बड़े भाई राम गोपाल जब कालाढूंगी गए तो उन्हें बताया गया कि उनकी मां का निधन हो गया है। मामा की बातों पर उन्होंने विश्वास कर लिया और वापस घर आ गए।हालांकि सच्चाई ये थी कि रमा देवी मानसिक तौर पर अस्वास्थ्य थी। उनके भाई उसको रखना नहीं चाहते थे और इसलिए उसे कोलकाता की ट्रेन में बैठा दिया।

रमा देवी ने बताया कि उनके भाई ने उन्हें काफी मारा-पीटा और उन्हें कोलकाता जाने वाली एक ट्रेन में बिठा दिया। रमा देवी कोलकाता पहुंच गईं और वह महीनों तक लावारिस हालत में कोलकाता की सड़कों पर भटकती रहीं। नवंबर 2016 में कोलकाता की लेक पुलिस ने रमा को लावारिस हालत में बरामद किया और उनका कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। इसके बाद उन्हें बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर के दोस्तीपुर स्थित एक होम में रखवा दिया। 5 सालों में पुलिस ने उसे घर तक पहुंचाने की कोशिश की लेकिन एड्रेस नहीं मिला।

वहीं इसके बाद उसने हैम रेडियो के वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश विश्वास नाग से संपर्क किया। क्लब के सदस्यों ने अथक प्रयास के बाद रमा देवी के घर का पता लगाया औ उनके बेटों को सूचना दी कि उनकी मां बंगाल में हैं। मां के जिंदा होने की खबर सुनकर वो खुशी से झूम उठे। कोलकाता पहुंचे कृष्ण गोपाल बुधवार को अपनी मां को लेकर भिवाड़ी रवाना हुए और इसके बाद वह अपनी मां को पुश्तैनी गांव भी ले गए। इधर कृष्ण गोपाल के साथ हैम रेडियो की ओर से भी नैनीताल में रमा देवी के भाई के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

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