उत्तराखंड से बड़ी खबर : हत्यारे बेटे को सजा-ए-मौत, दराती से काटकर अलग कर दी थी मां की गर्दन, कोर्ट ने फटकारा

नैनीताल में कोर्ट ने एक हत्यारे बेटे को सजा ए मौत की सजा सुनाई है। बता दें कि आज से दो साल पहले सिरफिरे बेटे ने अपनी ही मां की दराती से गर्दन काटकर अलग कर दी थी। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र निवासी हत्यारे बेटे को आज बुधवार को प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही जानलेवा हमला करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। आरोपी इस वक्त जेल में है।

आपको बता दें कि7 अक्टूबर 2019 को उदयपुर रेक्वाल क्वीरा फार्म, चोरगलिया निवासी बेटे ने दराती से मां का सिर धड़ से अलग कर दिया था। उसी दिन मृतका के पति सोबन सिंह ने बेटे पर हत्या और जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए चोरगलिया थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने धारा– 302 व 307 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। पिता ने पुलिस को बताया था कि वारदात दे दिन उसकी पत्नी जैमती देवी और बेटा डिगर सिंह भी घर पर थे। दोनों के बीच अचानक किसी बात को लेकर विवाद हुआ। डिगर सिंह ने गुस्से में आकर दराती से अपनी मां की गर्दन पर एक के बाद एक कर कई वार किए। वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने देखा कि वो मां की गर्दन पर वार कर रहा है और एक हाथ से सिर के बाल पकड़े हुए थे।

जोर से चिल्लाने पर देवकी देवी औऱ मृतका की बहू नैना कोरंगा मौके पर पहुंचे लेकिन बेटा गर्दन पर वार करता रहा। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर गुनाह साबित हुईष बताया कि जब वह मौके पर पहुंची तो उसके देवर डिगर सिंह द्वारा साक्षी की सास के गले में दराती से वार कर उसका गला धड़ से अलग कर दिया।डीजीसी फौजदारी द्वारा अपराध साबित करने को एक दर्जन गवाह पेश किए थे। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी आला कतल से वार से हत्या की पुष्टि हुई। बुधवार शाम को सजा पर लंबी बहस हुई तो अभियोजन ने तर्क दिया कि जिस मां ने बेटे को नौ माह तक गर्भ में पाला, उसी ने मौत के घाट उतार दिया। अभियुक्त को फांसी की सजा कम है। बचाव पक्ष ने न्यूनतम सजा का अनुरोध अदालत से किया, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *