Big breaking : उत्तराखंड के इस जिले में बढ़ रहे बाल विवाह के मामले, पुलिस ने एक और शादी रुकवाई

बागेश्वर : बाल विवाह अभिशाप है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए देश में कड़े कानून बनाए गए हैं लेकिन फिर भी कुछ तुच्छ मानसिकता के लोग खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और बाज नहीं आ रहे हैं। बेटी को बोझ समझने वाले लोग उन की बाली उम्र में ही शादी कर रहे हैं। जी हां ऐसा ही मामला सामने आया बागेश्वर के कांडा से।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बागेश्वर के कांडा स्थित भंडारी गांव में एक नाबालिग का विवाह की पूरी तैयारी कर ली गई थी लेकिन दो परिवारों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। सूचना पर बाल विकास विभाग के अधिकारियों और पुलिस भंडारी गांव पहुंचे और उन्होंने बाल विवाह को रुकवाया।

वन स्टॉप सेंटर प्रभारी षष्टी कांडपाल ने जानकारी दी कि शुक्रवार को कांडा के भंडारीगांव में सेराघाट से बरात आने वाली थी। लड़की के नाबालिग होने की सूचना मिली। लड़की की उम्र हाईस्कूल के प्रमाणपत्र के अनुसार वर्तमान में 17 साल दो महीने थी। शुक्रवार को वन स्टॉप सेंटर की टीम ने पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और कांडा थाने की टीम ने भंडारीगांव में छापा और शादी रुकवाई। किशोरी के पिता ने लड़की के बालिग होने के बाद ही विवाह करने का शपथपत्र टीम को सौंपा। विवाह रुकवाने की सूचना मिलने पर सेराघाट से बरात भंडारीगांव आई ही नहीं।
आपको बता दें कि बागेश्वर में बाल विवाह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह 19 मामला है।

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