उत्तराखंड के इन जिलों में अगले तीन दिन भारी से भारी बारिश का अलर्ट, विभाग ने जिलाधिकारियों को चेताया

देहरादून : उत्तराखण्ड के कई जिलों में लगातार दो दिन से मुसलधार बारिश का दौर जारी है. बीती रात उत्तरकाशी में बादल फटा तो वहीं सुबह घनसाली में बादल फटने से तबाही हुई। वहीं अभी फिलहाल प्रदेश वासियों को मूसलाधार बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं है क्योंकि मौसम विज्ञान केंद्र ने 19 जुलाई के साथ ही 20, 21 और 22 जुलाई को भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार 20 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जिले के कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं. इसके साथ ही अन्य स्थानों पर हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. , बिक्रम सिंह ने प्रदेशवासियों से यह अपील की है कि लोगों को आगामी 3 दिनों तक सावधानी बरतने की जरूरत है. लिहाजा बेवजह पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने, नदी नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

आपदा विभाग ने जिलाधिकारियों को जारी की एडवाइजरी–

प्रत्येक स्तर पर तत्परता बनाये रखते हुये सावधानी सुरक्षा एवं आवागमन में नियंत्रण बरता जाये.किसी भी आपदा-दुर्घटना की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्यवाही करते हुए सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान किया जाये.

आपदा प्रबन्धन IRS प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहेंगे.NH. PWD, PMGSY, ADB BRO, WB, CPWD आदि किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने की दशा में उसे तत्काल खुलवाना सुनिश्चित करेंगे. समस्त राजस्व उपनिरीक्षक ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे.

समस्त चौकी/थाने भी आपदा सम्बन्धी उपकरणों एवं वायरलैस सहित हाई अलर्ट में रहेंगे. समस्त सम्बन्धित अधिकारी किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना SEOC/राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बरों 0135-2710334, फैक्स नंबर 0135-2710335, टोल फ्री नंबर 1070, 9557444486 पर तत्काल देना सुनिश्चित करेंगे.

 उक्त अवधि में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के मोबाईल/फोन स्विच ऑफ नहीं रहेंगे.  उक्त अवधि में लोगों के फंसे होने की स्थिति पर खाद्य सामग्री व मेडिकल की व्यवस्था की जाये. नगर एवं कस्बाई क्षेत्रों में नालियों एवं कलवटों के अवरोधों को दूर किया जाये.

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