उत्तराखंड : रेफर सेंटर बनकर रह गये पहाड़ के अस्पताल, बच्चे के जन्म के बाद प्रसूता की मौत, लोगों में रोष

उत्तरकाशी : इस बात से गुरेज नहीं है कि पहाड़ों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बुरा हाल है. पहले ही सड़क ना होने के कारण पहाड़ के लोगों को अस्पताल तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और इसी के साथ हायर सेंटर रेफर करने का काम भी कई लोगों की जान ले रहा है। जी हां ताजा मामला उत्तरकाशी के रवाई घाटी का है, जहां बच्चे के जन्म के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई क्योंकि अधिक खून बहने के बाद डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर किया था, जहां बीच रास्ते में प्रसूता ने दम तोड़ दिया जिससे ग्रामीणों में गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर गांव वालों को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है। पहाड़ के अस्पताल केवल मात्र रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, पुरोला विकासखण्ड के धिवरा गांव निवासी गर्भवती विनीता (26 वर्ष) को परिजन प्रसव पीड़ा के चलते देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला लाए थे. जहां पर उसने मृत नवजात को जन्म दिया. प्रसूता की हालत अधिक रक्तस्राव के कारण बिगड़ते देख डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया था जहां ब्लड मिल सके लेकिन प्रसूता ने डामटा के पास ही दम तोड़ दिया।

सीएचसी पुरोला के प्रभारी डॉ. पंकज में बताया कि प्रसूता के अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण हायर सेंटर रेफर किया गया था. वहीं, पुरोला के स्थानीय निवासी राजपाल पंवार सहित ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए सरकार करोड़ों खर्च करने के दावे कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रवांई घाटी में प्रसूताओं के दम तोड़ने का सिलसिला जारी है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

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