नहीं रहीं बालिका वधू की ‘दादी सा’, 75 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

जानी मानी अद‍ाकारा और बालिका वधू के सीरीलय में दादी के नाम से फेमस हुईं सुरेखा सीकरी का आज निधन हो गया है जिससे छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे पर शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के अनुसार 75 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। जानकारी मिली है कि उन्हें कार्डियक अरेस्‍ट के चलते आखिरी सांस ली। मशहूर सीरियल बालिका वधू में दादी सा की भूमिका निभाने वाली सुरेखा के निधन से हिंदी टीवी जगत में शोक की लहर है। नेशनल फ‍िल्‍म पुरस्‍कार विजेता सुरेखा सीकरी ने मुंबई में आखिरी सांस ली।

उनके निधन की पुष्टि मैनेजर ने की है। मैनेजर ने मीडिया को बताया कि दुख का विषय है कि सुरेखा जी नहीं रहीं। 75 साल की उम्र में आज सुबह उनका देहांत हो गया। दूसरे ब्रेन स्ट्रोक के बाद वह काफी परेशानी में थीं। ब्रेन स्ट्रोक के बाद सुरेखा पर इलाज का तेजी से असर नहीं हो रहा था। वह लंबे समय तक अस्‍पताल में रही थीं। उनके फेफड़ों में पानी भर गया था और दवाईयों का जैसा असर उनपर होना चाहिए वैसा नहीं हो रहा था। ब्रेन स्ट्रोक के कारण बने क्लॉट को इलाज के जरिए निकाल दिया गया था। 

सुरेखा सीकरी दो बार ब्रेन स्ट्रोक झेल चुकी थीं। पहले साल 2018 में ब्रेन स्ट्रोक आ चुका है। इसके चलते सुरेखा को पैरालिसिस हो गया था। वो ठीक तो हो गईं लेकिन ज्यादा काम नहीं कर पाई। इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरेखा सीकरी का एक महीने का दवाईयों का खर्च 2 लाख रुपये से ज्यादा था। वहीं, कोरोना वायरस के कारण 65 साल से अधिक उम्र के एक्टर्स पर पाबंदी लगा दी गई थी। उस वक्त भी सुरेखा सिकरी ने नाराजगी जाहिर की थी। 

19 अप्रैल 1945 को दिल्ली में जन्मीं सुरेखा सीकरी ने बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक अपने हुनर का परचम लहराया है। 1978 में पॉलिटकल ड्रामा फिल्म ‘किस्सा कुर्सा का’ से उन्‍होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। वो हिंदी के अलावा मलायालम फिल्म में भी नजर आईं। उन्‍होंने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किए थे। शो ‘बालिका वधू’ में सुरेखा ने एक कड़क दादी सास का किरदार निभाया था जिसके चलते उन्‍होंने घर घर में पहचान मिली। 

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