हरिद्वार की वंदना कटारिया समेत इन चार हस्तियों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, मिले ये अवॉर्ड
देहरादून : बीते दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खेल के क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया। राष्ट्रपित ने उत्तराखंड निवासी पैरा शूटिंग कोच जय प्रकाश नौटियाल को खेल के क्षेत्र में बतौर प्रशिक्षक बेहतर कार्य करने के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा तो वहीं हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मामित किया। वहीं निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट और शीतल को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की चयन समिति ने उत्तराखंड के दो कोच और एक खिलाड़ी को इस वर्ष राष्ट्रीय खेल पुरस्कार देने की सिफारिश की थी। चयन समिति ने महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया को अर्जुन पुरस्कार, बाक्सिंग कोच भास्कर भट्ट और पैरा शूटिंग कोच जय प्रकाश नौटियाल के नाम की सिफारिश द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए की थी, लेकिन खेल मंत्रालय ने पैरा शूटिंग कोच जय प्रकाश नौटियाल और हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के नाम को हरी झंडी दी। शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने जय प्रकाश नौटियाल को द्रोणाचार्य पुरस्कार और वंदना कटारिया को अर्जुन पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
आपको बता दें कि जय प्रकाश नौटियाल मूल रूप से रुद्रप्रयाग के भट्ट गांव के रहने वाले हैं। पैरा शूटिंग टीम से जुड़ने के बाद जय प्रकाश दिल्ली शिफ्ट हो गए। जय प्रकाश नौटियाल 1989 में आइटीबीपी में भर्ती हुए थे। 1990 में उन्होंने आइटीबीपी की शूटिंग टीम बनाई थी। वर्तमान में वह भारतीय पैरा शूटिंग टीम के मुख्य कोच हैं। जबकि अर्जुन पुरस्कार विजेता वंदना कटारिया हरिद्वार की रहने वाली हैं। वंदना ने टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाकी टीम को कांस्य पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और साहसिक कार्य में योगदान के लिए तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड- 2021 प्रदान किया। उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में नेतृत्व और समर्पण के असाधारण गुणों का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शीतल को उनकी उपलब्धियों और साहसिक कार्य में योगदान के लिए तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड- 2021 प्रदान किया। माउंट कंचनजंगा पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की महिला होने के कारण उनका नाम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। शीतल पिथौरागढ़ की रहने वाली हैं और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आती हैं। उनके पिता लोकल टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं।