चंपावत हादसा : अंतिम समय तक मां के सीने से लिपटी रही 4 साल की देवांशी, रेस्क्यू टीम की आंखें हुई नम
उत्तराखंड के चंपावत जिले में सोमवार को हुए सड़क हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है. राष्ट्रपति से लेकर पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताया और श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं बता दें कि इन 14 लोगों ने 35 साल की शिक्षिका बसंती भट्ट और उनकी चार साल की बेटी दिव्यांशी का नाम भी शामिल है, ये दोनों बारात में शामिल नहीं थी, बल्कि इन्हें उनकी मौत ने वहां बुलाया था. शिक्षिका बसंती भट्ट और चार साल की बेटी दिव्यांशी की जिंदगी भी एक कहानी बन कर रह गयी है. रेस्क्यू टीम को चार साल की देवांशी का शव अंतिम समय में मां से लिपटा मिली. ये देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई।
आपको बता दें कि बसंती भट्टा और उनकी चार साल की बेटी अंतिम सांस तक मां के आंचल में ही सिमटी रही लेकिन काल ने दोनों को ही चिर निद्रा में सुला दिया। मां ने अपनी बेटी को सीने से लगाया हुआ था। मानो मां की ममता अपनी लाडली को प्राण छूटने तक छोड़ना ही नहीं चाह रही थी। रेस्क्यू टीम उस समय भावुक हो गई। टीम के सदस्य ने जब दोनों को अलग किया तो वह खुद भी भावुक हो गए। टीम कहने लगे देवांशी को मां का प्यार अंतिम समय तक मिला। वहां मौजूद लोगों और पुलिस की आंखें नम हो गई। पिता का रो रोकर बुरा हाल है.
बसंती देवी थीं शिक्षिका
आपको बता दें कि 36 वर्ष बसंती भटट् प्राथमिक विद्यालय डांडा में शिक्षिका थीं। सोमवार को वह मासूम देवांशी को लेकर अपने मायके डांडा जा रही थी। हर बार उनके पति नारायण उन्हें छोड़ने जाते थे लेकिन इस बार किसी काम के चलते उन्हें सवारी वाहन से जाने को कहा। काफी देर तक सूखीडाग में वाहन का इंतजार करते रहे लेकिन डांडा के लिए उन्हें वाहन नहीं मिल पाया। तब वह अल्टो कार से टनकपुर चली गई ताकि वहां से वाहन पकड़ कर डांडा जा सके। बसंती को टनकपुर में भी कोई वाहन नहीं मिला। उन्हें पता चला कि डांडा से एक बारात टनकपुर आई हुई है।
शाम 6 बजे बसंती अपनी बेटी देवांशी के साथ बारात की इस बोलेरो में बैठ गई। बैठने के कुछ घंटों के बाद यह भीषण हादसा हो गया जिसमें बसंती और उनकी 4 वर्षीय बेटी देवांशी हादसे का शिकार हो गई लेकिन अंतिम समय तक मां ने अपनी बेटी को अपने आंचल में समेट कर रखा थाष इस दृश्य को देखकर रेस्क्यू टीम की भी आंखें नम हो गई। आपको बता दें कि बंसती के पति नारायण दत्त भट्ट राजकीय इंटर कॉलेज धौन में शिक्षक हैं. इस घटना के बाद मृतका के घर और मायके में कोहराम मच हुआ है. बसंती देवी का ससुराल चम्पावत के जूप गांव में है.