अग्र भागवत के श्रवण से मिलती है समस्त पितृ दोष से मुक्ति- आचार्य स्वामी नर्मदा शंकर पुरी

हरिद्वार। गोविंद घाट समिति रजिस्टर्ड हरिद्वार एवं हरिद्वार वैश्य समाज के पदाधिकारियों ने गोविंदपुरी स्थित गोविंद घाट पर महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी नर्मदा पुरी महाराज का फूल माला पहनकर स्वागत किया और राष्ट्रीय एकता अखंडता बनाए रखने के लिए गंगा आरती कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी नर्मदा शंकरपुरी महाराज ने घाट पर मौजूद श्रद्धालु भक्तों को अग्रभागवत की लीलाओं का वर्णन करते हुए सभी को उसके महत्व से अवगत कराया। स्वामी नर्मदा शंकर पुरी महाराज ने कहा कि अग्र भागवत श्रीमद् भागवत का ही एक अलग भाग है। यह कथा रस से भरी हुई है जिसके श्रवण मात्र से श्रद्धालुओं को भक्ति रूपी मणि की प्राप्ति होती है। अग्र भागवत कथा सर्वप्रथम जैमिनी ऋषि ने राजा परीक्षित के बेटे जन्मेजय को सुनाई थी। जिससे उनके तनाव से ग्रसित मन को शांति एवं मुक्ति की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने कहा कि अग्रकुल में जन्म लेना श्रेष्ठ है। जिस तरह मनुष्य के जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का महत्व है उससे भी ज्यादा बढ़कर हम अग्रवालों के लिए श्री अग्र भागवत कथा का महत्व है। क्योंकि अग्रसेन हमारे पूर्वज हैं। इस हिसाब से अग्र कथा हमारे पितरों की कथा है। कथा के श्रवण से हमें समस्त पितृ दोष से मुत्ति मिलती है। गोविंद घाट समिति रजि. हरिद्वार के अध्यक्ष श्रवण गुप्ता एवं महामंत्री सुयेश अग्रवाल ने कहा कि वह सभी बड़े सौभाग्यशाली है। गंगा तट पर परम विद्वान संत के मुखारविंद से अग्र भागवत का ज्ञान उन्हें प्राप्त हुआ है। कहा की संतों के सानिध्य में व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। आचार्य स्वामी नर्मदा शंकर पुरी महाराज विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष है हम सभी उनकी दीर्घायु की कामना करते हैं। इस अवसर पर अशोक मेहता, अनिल अग्रवाल गुड्डू, प्रशांत मेहता, राजेश मित्तल, शुभम अग्रवाल, डॉ. अंकित, सतीश गुप्ता, शरद अग्रवाल, पीयूष जैन सहित अनेक श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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