उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बने मामा और रेखा आर्य बनीं बआ…जानिए किसके????

देहरादून : सीएम पुष्कर धामी ने आज बेसहारा बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया। बता दें कि सरकार ने कोविड-19 और अन्य बीमारियों से माता-पिता या संरक्षक की मौत से बेसहारा हुए बच्चों के कल्याण के लिए महत्वकांशी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के जरिए पहले चरण में लाभार्थी बच्चों को प्रत्येक 3 हज़ार रुपये मिलेंगे। इसी के साथ सीएम ने ऐसी बात कही जिसने सबका मन मोह लिया। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो बेसहारा बच्चों के मामा बन और कैबिनेट मंत्री बुआ बन बेसहारा बच्चों को इश योजना से लाभान्वित करने का काम करेंगे।

सभी लाभार्थी बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं की प्रदान जाएंगी। इस योजना के तहत बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल , पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति एवं उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए संरक्षक अधिकारी नामित करेंगें। सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। कोविड-19 महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु के कारण जन्म से 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों की देखभाल , पुनर्वास , चल-अचल संपत्ति एवं उत्तराधिकारों एवम विधिक अधिकारों के संरक्षण के लिए “मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना” लागू हुई है।

सरकार ने आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि प्रदेश में माता-पिता दोनों की मृत्यु होने से अनाथ बच्चों की संख्या 151 है. माता-पिता में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मृत्यु से प्रभावित बच्चों की संख्या 2196 है। इसी के साथ कोविड से माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की संख्या 68 है , जिसमे 29 बालक और 39 बालिकाएं हैं।

आपको बता दें कि कोविड से माता-पिता संरक्षक में से किसी एक की मृत्यु से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या है 1489 , जिसमे 776 बालक और 713 बालिकाएं हैं। सीएम वात्सल्य योजना के अवसर पर कुल 1062 बच्चों को माह जुलाई की 3 हज़ार की धनराशि डीबीटी के।माध्यम से की गई हस्तांतरित मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना प्रथम चरण में धनराशि प्रेषण के लिए जनपदवार लाभार्थी बच्चे ,अल्मोड़ा से 49 , बागेश्वर से 22 , चमोली से 28 , चंपावत से 59 , देहरादून से 123 , हरिद्वार से 70 , नैनीताल से 146 , पौड़ी गढ़वाल से 122 , राद्रप्रयाग से 54 , उद्यम सिंह नगर से 79 , टिहरी गढ़वाल से 132 , पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे लाभान्वित हुए।

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