महंत नरेंद्र गिरि का शिष्य आनंद गिरि हरिद्वार से गिरफ्तार, कहा- ये षडयंत्र, गुरू की हुई हत्या
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई. उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में पंखे पर लटका मिला. पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया. पुलिस को वहां से एक 5 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है. सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया था. इसके बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. प्रयागराज में आनंद गिरि पर नामजद केस दर्ज हुआ है।
महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में अपनी वसीयत की जानकारी भी दी है. एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मठ और आश्रम को लेकर आगे क्या करना है. किस तरह से व्यवस्था होगी. क्या करना है. एक तरह से सुसाइड नोट में उनका वसीयतनामा है. इसमें विस्तार से लिखा है कि किसे क्या देना है और किसके साथ क्या करना है. पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे. पुलिस ने शिष्य का नाम तो नहीं बताया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आनंद गिरि का नाम लिखा है.
हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि इस बात में उन्हें कोई शक नहीं कि उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है. इसमें कौन लोग शामिल है, इस बात का खुलासा होना चाहिए. कई लोग ऐसे हैं, जिन पर उन्हें शक है और सच्चाई सामने आनी चाहिए. मैं अगर दोषी पाया जाता हूं तो फिर मुझे भी सजा मिलनी चाहिए.महंत नरेंद्र गिरि हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद में चर्चा में आए थे. हालांकि वह विवाद आनंद गिरि के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था, लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था.