हरिद्वार के इस अस्पताल पर लगा 45 लाख 10 हजार 600 रुपये का जुर्माना, अधिवक्ता की फीस भी मांगी

हरिद्वार : कोरोना काल में सरकार ने अस्पतालों में सुख सविधाएं चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन कोरोना काल में कई अस्पताल ऐसे हैं जो मरीजों से मोटी फीस वसूल रहे हैं और उनका मानसिक शोषण कर रहे हैं।

हरिद्वार के एक अस्पताल पर जिला उपभोक्ता आयोग ने भारी जुर्माना लगाया है। जुर्माना भी एक लाख दो लाख तीन लाख नहीं बल्कि  45 लाख से ज्यादा का लगाया है। जी हां बता दें कि बहादराबाद स्थित एक निजी अस्पताल जया मैक्सवेल और उसके डॉक्टर पर 45 लाख 10 हजार 600 रुपए का जुर्माना लगाया है. आयोग ने शिकायतकर्ता को क्षतिपूर्ति के 5 लाख रुपये और अधिवक्ता की फीस 10 हजार रुपये अल्ट्रासाउंड की फीस 6 सौ रुपये और विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में 20-20 लाख रुपए शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं.

संदीप कुमार ने जय मैक्सवेल हॉस्पिटल और उसके प्रबंधक एवं डॉ. संतोष गायधनकर के खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज की थी कि उसने अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड मैक्सवेल हॉस्पिटल में कराया था. अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में डॉक्टर ने उनकी पत्नी को 30 सप्ताह 04 दिन की गर्भवती बताया था जबकि उनकी पत्नी 04 महीने की गर्भवती थी.जब शिकायतकर्ता ने अन्य अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया तो उन्होंने सही रिपोर्ट बना कर दी जबकि मैक्सवेल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने गलत रिपोर्ट दी थी जिससे उन्हें और उनकी पत्नी को मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंची. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष कुंवर सेन और अन्य सदस्यों ने अस्पताल को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उस पर 45 लाख 10 हजार 600 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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