आखिर मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन क्यों जाते हैं उत्तराखंड समेत भारत के बच्चे, पढ़िए

देहरादून. यूक्रेन पर रूस के हमले से पूरी दुनिया दहल गई है। रुस ने दो दिन पहले यूक्रेन पर गोलाबारी की जो की अभी भी जारी है। आपको बता दें कि यूक्रेन के कई शहर तबाह हो गए हैं. लोगों में दहशत है। यूक्रेन में कई भारतीय भी फंसे हुए. उत्तराखंड के 154 लोगों की लिस्ट केंद्र को भेजी गई है। उन बच्चों के परिजन परेशान है। इस हमले ने भारत को भी हिलाकर रख दिया है क्योंकि कई भारतीय वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वतन वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने कोशिशें तेज कर दी है।

सबके मन में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर मेडिकल की पढ़ाई करने वहां क्यों गए हैं?

आपको बता दें कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीयों नागरिकों में उत्तराखंड के भी कई बच्चे शामिल हैं। वो लगातार अपने परिजनों को वीडियो कॉल कर रहे हैं और वहां के हालातों के बारे में जानकारी दे रहे है. सबके मन में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर मेडिकल की पढ़ाई करने वहां क्यों गए हैं? बता दें कि उत्तराखंड समेत देशभर से बड़ी संख्या में बच्चे यूक्रेन और रूस में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. इसके पीछे की बड़ी वजह उत्तराखंड और देश की तुलना में इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई सस्ता होना है. यूक्रेन और रूस जैसे देशों के मुकाबलें उत्तराखंड में मेडिकल की पढ़ाई 6 गुनी महंगी है.

आपको बता दें कि जहां एक तरफ यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए सालाना 3.38 लाख का खर्चा होता है. तो वहीं उत्तराखंड में 1 साल में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 18 लाख से ज्यादा का खर्चा आता है. इस खर्च में प्राइवेट मेडिकल कालेजों में ली जाने वाली डोनेशन को ऐड नहीं किया गया है. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने में सालाना 4500 डॉलर का खर्चा आता है. जो भारतीय करेंसी में 3.38 लाख के आसपास बैठता है. अगर हम बाकि खर्चों को भी मिला दें तो ये खर्चा 6 लाख रुपए पड़ता है।

वहीं उत्तराखंड में प्राइवेट मेडिकल कालेजों में अगर आप मैनेजमेंट कोटे में एडमिशन लेते हैं तो आपको सालाना 18 लाख देने होगें. इसमें सिक्योरिटी, हॉस्टल का खर्चा भी जोड़ दे तो ये 27 लाख तक पहुंच जाता है. सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की कम सीटों की वजह से भी छात्रों को प्राइवेट मेडिकल कालेजों में एडमिशन लेना पड़ता है. इसी के चलते यहां से ज्यादातर बच्चे यूक्रेन और रूस जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. इन देशों में छह साल के एमबीबीएस की खर्चा 35 से 40 के बीच आता है.

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