बड़ी खबर : CM पीआरओ के लेटर कांड के बाद उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, इस पर लगी पाबंदी
देहरादून : मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट का पुलिस अधीक्षक को आया पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। पत्र में तीन वाहनों के चालान निरस्त करने का आदेश है। मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देश होना पत्र में बताया गया है। सदन में ये मुद्दा जमकर उठा।सरकार की जमकर किरकिरी हुई।इसके बाद सीएम के पीआरओ को सस्पेंड किया गया और अब अपर मुख्य सचिव द्वारा बड़ा आदेश जारी किया गया है।
आठ दिसंबर के इस पत्र में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार 29 नवंबर को बागेश्वर यातायात पुलिस ने वाहन संख्या यूके02सीए, 0238, यूके02सीए, 1238 और यूके04सीए 5907 के चालन निरस्त करने का कष्ट करें। इसकी प्रतिलिपि संभागीय परिवहन अधिकारी बागेश्वर को भी सूचनार्थ भेजी गई है। इंटरनेट मीडिया पर पत्र वायरल होने पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया शुरू कर दी है। पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण ने कहा कि मुख्यमंत्री पुलिस के कार्यों में भी हस्तक्षेप करने लगे हैं। उन्होंने मामले की पूरी जांच करने की मांग की है।वहीं इसके बाद पीआरओ चंदन सिंह बिष्ट को सस्पेंड किया।
वहीं अब अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री आंनद वर्धन ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब सीएम दफ्तर में तैनात कोई भी ओएसडी पीआरओ अथवा कॉर्डिनेटर न तो कोई लेटर हेड का इस्तेमाल करेगा न ही सिग्नेचर का इस्तेमाल करते हुए पत्र जारी करेगा।