CDS बिपिन रावत ने कई सालों तक की देश की सेवा, पिता से विरासत में मिली थी देशभक्ति और बहादुरी…पढ़िए
देश के पहले CDS बिपिन रावत बीते दिन तमिलनाडू के कुन्नूर में हुए विमान हादसे में दुनिया को अलविदा कह गए। इस विमान हादसे में बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई।जबकि विमान में 14 लोग सवार थे। बिपिन रावत सेना के हेलीकॉप्टर से अपनी पत्नी और सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे. सीडीएस बिपिन रावत ने सेना को अपने जीवन का लंबा समय दिया। बिपिन रावत को ये वीरगति और बहादुरी पिता की विरासत से मिली। उन्हें कई मेडलों से नवाजा गया।
पिता सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर जाकर रिटायर हुए
आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौरी में गढ़वाली परिवार में हुआ था. उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना में देश की सेवा करता आया है. बिपिन रावत पहली बार 16 दिसंबर, 1978 में 11th गोरखा रायफल की पांचवीं बटालियन में कमीशन हुए थे. उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी कभी इसी बटालियन का हिस्सा थे. वह सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर जाकर रिटायर हुए थे.
रावत को भी देशभक्ति और बहादुरी विरासत में मिली थी. उन्होंने उरी, जम्मू और कश्मीर, सोपोर आदि जगहों पर सेना में मेजर, कर्नल और ब्रिगेडियर आदि पोस्ट पर सालों तक अपनी सेवा दी. 1 सितंबर 2016 को उन्होंने सेना में उप-प्रमुख बनाया गया. जिसके बाद सरकार ने देशा का 27वां आर्मी चीफ बनाया.
देश के पहले सीडीएस
रावत की कुशलता और तजुर्बे को देखते हुए सरकार ने उन्हें 1 जनवरी, 2020 को देश का पहला CDS नियुक्त किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में लाल किले के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के रूप में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पोस्ट बनाने का एलान किया था. इससे पहले देश में CDS जैसा कोई पोस्ट नहीं था.
क्या होता है CDS
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) वह पोस्ट है, जो सीधे सरकार को सेना के बारे में सलाह देता है. इसमें नौसेना, वायु सेना और थल सेना तीनों ही सम्मिलित होती हैं. लंबे समय से इस बात को महसूस किया जा रहा था कि एक ऐसा पद होना चाहिए, जो तीनों ही सेनाओं के बीच एक कड़ी का काम करे. इसके लिए सरकार ने CDS की स्थापना की. जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS चुने गए थे.
मिले हैं कई सेना मेडल
सेना में रहने हुए सीडीएस बिपिन रावत को कई सारे मेडल से सम्मानित किया गया था, जिसमें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल आदि शामिल हैं.