चारधाम : अब ई-पास नहीं जरुरी, सिर्फ करना होगा ये काम और पहुंच जाइये दर्शन करने बाबा के धाम

चारधाम यात्रा को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने बीते दिन बड़ा फैसला लिया और सरकार समेत तीर्थपुरोहितों और चारों धामों के व्यापारियों को बड़ी खुश खबरी दी। इसी के साथ हाईकोर्ट ने पहले की कई बाध्यताओं को खत्म किया और श्रद्धालुओं को राहत देने का काम किया जिससे तीर्थपुरोहितों और होटल व्यवस्यीयों,होटल-ढावा संचालकों में खुशी की लहर है। वहीं शासन द्वारा जारी पहले की एसओपी में संशोधन किया गया है।

सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरिचंद्र सेमवाल की ओर से मंगलवार शाम जारी एसओपी के अनुसार अन्य राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अलबत्ता, उन्हें देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा। पूर्व में हाईकोर्ट ने चारधाम में दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या सीमित थी और ई पास जरुरी था लेकिन अब हाईकोर्ट ने सीमित संख्या की बंदिश हटा दी है। अब चाहे कितनी मर्जी की संख्या में लोग बाबा के दर्शन कर सकेंगे।

ये हैं शर्तें

एसओपी के अनुसार अन्य राज्यों से आने जिन श्रद्धालुओं ने यात्रा से 15 दिन पहले कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लगवा ली हैं, उन्हें इसका प्रमाणपत्र दिखाने के बाद धामों में दर्शन की इजाजत दी जाएगी। यदि किसी यात्री ने कोविड वैक्सीन की एक डोज लगवाई है अथवा नहीं लगवाई है तो उनके लिए 72 घंटे पहले तक की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।

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प्रदेश के भीतर के व्यक्तियों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। एसओपी के मुताबिक कोविड प्रोटोकाल के मद्देनजर सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए धामों में दर्शन की अनुमति दी जाएगी। राज्य के भीतर किसी जांच बिंदु पर जांच के दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे जांच के लिए नजदीकी परीक्षण केंद्र अथवा अस्पताल में भेजा जाएगा। उसके पाजिटिव पाए जाने पर लक्षणों की गंभीरता व प्रोटोकाल के अनुसार उसे अन्यत्र रेफर किया जाएगा। यात्रा के लिए शेष प्रविधान वही रखे गए हैं, जो 17 सितंबर को जारी एसओपी में थे।

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