इन्होंने ली हमले की जिम्मेदारी, नोट में लिखा-हमें नहीं मालूम था कि काफिले में कर्नल की पत्नी-बेटे भी हैं
मणिपुर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटा मारे गए. इस हमले में 4 जवान भी शहीद हुए हैं. सीओ और 4 जवानो समेत कुल सात लोगों ने इस हमले में जान गवाई। जिस वक्त काफिले पर हमला किया गया, उस वक्त कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ लौट रहे थे. MNPF ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली है.
MNPF ने एक नोट जारी करते हुए लिखा है कि हमला करने वाले लोग इस बात से अंजान थे कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे. जवानों को नसीहत देते हुए कहा गया है कि जिन इलाकों को सरकार ने भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना है, वहां पर परिवार का रहना ठीक नहीं है.
बता दें कि 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी फ्रीडम फाइटर थे. किशोरी लाल त्रिपाठी भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के सदस्य थे. पिता सुभाष त्रिपाठी वरिष्ठ पत्रकार और रायगढ़ स्थित एक क्षेत्रीय साप्ताहिक के संपादक हैं. विप्लव की मां आशा सोशल वर्कर हैं. विप्लव अपने दादा से इंस्पायर थे.अपने दादा से प्रेरित होकर ही उन्होंने सेना की वर्दी पहनने की ठानी थी. कर्नल त्रिपाठी के मामा ने बताया, 1994 में जब विप्लव 14 साल के थे, तब उनके दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी का निधन हो गया था.उनके दादा ही थे, जिन्होंने उन्हें आर्मी की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया था. देश की सेवा करने के लिए विप्लव ने भारतीय सेना को ज्वॉइन किया.उन्होंने अपना जीवन देश की सेवा करते हुए त्याग दिया. हमें उन पर गर्व है.विप्लव अपने दादा किशोरी मोहन के काफी करीब थे. जब ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने दादा के साथ राष्ट्रपति भवन का दौरा भी किया था.
रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुए
30 मई 1980 को जन्मे विप्लव रायगढ़ कस्बे के एक स्कूल से पांचवीं पास करने के बाद सैनिक स्कूल रीवा गए. स्कूल की पढ़ाई के बाद विप्लव ने नेशनल डिफेंस एकेडमी में एडमिशन लिया और उसके बाद देहरादून में IMA ज्वॉइन की.2001 में विप्लव रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुए. उसके बाद उन्होंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज से कमांड का कोर्स पास किया. पटनायक ने बताया कि विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी ने भी रीवा सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. वो भी आर्मी में हैं और इस समय शिलॉन्ग में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पर पोस्टेड हैं.
जानकारी मिली है कि शहीद कर्नल के पूरे परिवार ने इस साल दिवाली मणिपुर में ही मनाई थी. विप्लव को दिवाली की छुट्टी नहीं मिली. ऐसे में पिता और मां ने उनके पास जाकर दिवाली मनाने का फैसला किया. तब क्या पता था कि एक सप्ताह बाद भी ये हंसता-खेलता परिवार सदा सदा के लिए बिखर जाएगा. कर्नल विप्लव, उनकी पत्नी और बेटे का पार्थिव शरीर रविवार को रायगढ़ लाया जाएगा.
मणिपुर में शनिवार, 13 नवंबर को चुराचांदपुर जिले के सिंघट में उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर IED अटैक किया था. इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर विप्लन समेत 5 जवान मारे गए. कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और बेटे आशीष त्रिपाठी (8) की भी हमले में मौत हो गई.
पत्रकार और लेखक राहुल पंडिता के मुताबिक, हमला सुबह करीब साढ़े दस बजे चुराचांदपुर जिले के बेहियांग सियालसी और एस. सेखेन गांव के बीच हुआ. घात के बाद तुइवई नदी की ढलानों पर कुछ तिरपाल की चादरें मिलीं, जिससे यह संकेत मिलता है कि विद्रोही कल रात से वहीं छिपे हुए होंगे. मौके पर कुछ खून के धब्बे भी मिले हैं, जो विद्रोहियों के भी हताहत होने की संभावना की ओर इशारा करते हैं.