खरसाली टू यमुनोत्री : अब सिर्फ 9 मिनट में पूरा होगा 6 KM की खड़ी चढ़ाई का सफर
उत्तरकाशी : चारधाम यात्रा और आसान होने जा रही है। एक तरफ ऑल वेदर रोड का निर्माण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर खड़ी चढ़ाई के सफर को भी कम करने की कवायद शुरु हो गई है। जी हां बता दें कि हम बात कर रहे हैं यमुनोत्री धाम की। यमुनोत्री धाम सरखासी से 6 किलोमीटर दूर है। यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 6 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है जिसमे 3 घंटे से ज्यादा का समय लगता हैलेकिन ये दूरी कम होने जा रही है। वो भी सिर्फ 9 मिनट की।
आपको बता दें कि यमुनोत्री धाम से खरसाली पहुंचने की राह आसान बनाने के लिए साल 2008 में यमुनोत्री के लिए रोपवे का खाका तैयार किया गया था लेकिन ये कागजों और जुबान तक ही सीमित रह गया। कामनहीं हो सका। फिर साल 2010 में पहल हुई और रोपवे निर्माण का जिम्मा एक फर्म को सौंपा गया। खरसाली में रोपवे के लिए 4 हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों ने पर्यटन विभाग को दी। साल 2014 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसके लिए अनापत्ति जारी की। बाद में यात्रियों की आवाजाही कम होने की बात कहते हुए फर्म ने रोपवे निर्माण से हाथ खींच लिए थे। नतीजतन, बीते तीन साल से यह मामला लटका हुआ था।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार जून 2013 में आई आपदा और पिछले साल कोरोना संकट से निबटने के बाद इस बार कम समय में ही चारधाम यात्रा ठीक चली है तो इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। एक फर्म ने यमुनोत्री रोपवे के निर्माण में रुचि ली है और अब उससे एग्रीमेंट की कार्रवाई चल रही है। बताया कि पूर्व में जिस फर्म को कार्य दिया गया था, उसके देयकों आदि का मामला लगभग निस्तारित होने को है। अब रोपवे निर्माण के मद्देनजर पूर्व में बनाई गई कंपनी नई फर्म को सौंपी जाएगी। प्रयास ये है कि पीपीपी मोड में बनने वाली यमुनोत्री रोपवे परियोजना पर इसी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू हो जाए। रोपवे बनने से यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुविधा मिलेगी