नैनीताल हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा- क्या उत्तराखंड में हो सकते हैं ऑनलाइन मतदान और रैलियां?

नैनीताल : उत्तराखंड समेत देश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। उत्तराखंड समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं ऐसे में कोरोना बड़ा रुप ले सकता है। राज्य के हालात खराब हो सकते हैं. बीते दिन 310 मामले सामने आए थे जिससे हड़कंप मचा हुआ है। वहीं नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव स्थगित किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग से पूछा है क्या उत्तराखंड में वर्चुअल रैलियां संभव हैं? क्या ऑनलाइन मतदान कराया जा सकता है? 12 जनवरी तक शपथपत्र के साथ बताएंं। अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी।

आपको बता दें कि आज बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में चुनाव स्थगित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्चुअल रैलियां खराब कनेक्टिविटी के कारण संभव नहीं हैं। मतदान को लेकर भी यही स्थिति है। आयोग ने यह भी बताया कि मुख्य सचिव के साथ चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक हो चुकी है। कोर्ट ने आयोग से वर्चुअल रैली व ऑनलाइन वोटिंग को लेकर जवाब मांगा है।

अधिवक्ता शिव भट्ट ने पहले से विचाराधीन सच्चिदानंद डबराल और अन्य से संबंधित जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया है। जिसमें कहा है कि सियासी रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है। राजनीतिक दलों की ओर से कोविड के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।

ओमिक्रॉन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ये वैरिएंट अन्य की तुलना में 300% से अधिक तेजी से फैल रहा है। लोगों की जान बचाने के लिए जरुरी है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए। याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, उन्होंने यह भी कहा है कि विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं व इस सम्बंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं।

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