उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरा सबसे गरीब प्रत्याशी, जेब में सिर्फ 1 हजार रुपये, पिता करते हैं ये काम

उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होना है। वहीं भाजपा समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। तो वहीं बात करें प्रत्याशियों की संपत्ति की तो कोई करोड़ पति है तो किसी के पास करोंड़ों की चल और अचल संपत्ति है। चुनाव के मैदान में उतरकर प्रत्याशी खर्चा भी खूब कर रहे हैं. समर्थकों को खिलाने से लेकर वाहन खर्च कर रहे हैं लेकिन चुनाव के मैदान में एक सबसे गरीब प्रत्याशी उतरा है जिसके बाद सिर्फ एक हजार रुपये की नगदी है औऱ उसके पास 2 लाख रुपये की चल अचल संपत्ति हैं।

जी हां बता दें कि हल्द्वानी सीट पसे शुक्रवार को एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले 28 साल के युवा दिव्यांशु वर्मा ने नामांकन दाखिल किया है। एमबी पीजी कॉलेज से बीए की पढ़ाई पूरी कर दिव्यांशु सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। एनसीसी कैडेट रहे दिव्यांशु के पिता हल्द्वानी में ही नगर निगम की ओर से संचालित पेट्रोल पंप में काम करते हैं।

जहां चुनाव में खड़े अन्य प्रत्याशियों के पास अच्छी खासी रकम है, वहीं दिव्यांशु ने नामांकन पत्र में 1 हजार रुपये नकदी और 2 लाख रुपये की चल-अचल सम्पत्ति का ब्योरा पेश किया है। दिव्यांशु ने बताया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी में राजनीतिक विज्ञान और संसदीय प्रणाली का अध्ययन करते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़नी की ठानी। दिव्यांशू निर्दलीय चुनाव के मैदान में उतरे हैं।

उनका कहना है कि राजनीतिक दल कुछ लोगों या उनके परिवार को ही प्रत्याशी बनाते हैं। ऐसे में आम घर के लोग कैसे राजनीति में आ पाएंगे। जितनी सरकारें आईं उन्होंने युवाओं के लिए कुछ नहीं किया। इन सभी बिन्दुओं और कुछ नया करने का उद्देश्य बनाकर नामांकन करवाया है। चुनाव परिणाम क्या होगा इसकी उन्हें चिंता नहीं है। उनका मकसद बस युवाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करना है।

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