तो क्या 44 साल कांग्रेस की सेवा करने के बाद भाजपाई हो जाएंगे किशोर? चर्चाएं जोरों पर
विधानसभा चुनाव-2022 से ठीक पहले कांग्रेस ने सख्ती दिखाते हुए पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली हैं। बीजेपी से नजदीकि हाईकमान को पसंद नहीं आई और बड़ा एक्शन लेते हुए उनसे सारी जिम्मेदारियां वापस ले ली गई है जिससे कांग्रेस में खलबली मच गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी की विचारधारा के खिलाफ बाेलने की वजह से भी उपाध्याय पर सख्ती की गई है। बता दें कि इससे पहले कई बार किशोर मीडिया के सामने और वीडियो जारी कर पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं और शिकायत कर चुके हैं कि उनकी पार्टी में इज्जत नहीं की जाती। बीते दिन वोचोरी छुपे रात के अंधेरे में भाजपा नेता अजय से मिले जिससे हड़कंप मच गया और पार्टी ने बड़ा फैसला लिया।
इसके लिए किशोर उपाध्याय को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन आज कांग्रेस ने सख्ती दिखाते हुए उपाध्याय से सभी अहम जिम्मेदारियां वापस ले ली हैं। कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले पूर्व अध्यक्ष किशोर से सभी जिम्मेदारियां वापस लेते हुए सभी को चौंका दिया है। पिछले कई हफ्तों से किशोर के भाजपा जाने की चर्चाओं का बाजार बहुत गर्म था।इसी के बीच उपाध्याय ने साफ किया था कि वह किसी भी सूरत में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन नहीं करेंगे। कहा था कि कांग्रेस में रह कर ही वह टिहरी से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने की बातों को उन्होंने अफवाह करार दिया।
किशोर उपाध्याय वर्ष 1978 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पार्टी के साथ उनका लंबा साथ रहा है। वर्ष 2002 और वर्ष 2007 में वे टिहरी से विधायक रहे। वर्ष 2012 में वे टिहरी से चुनाव हार गए थे। 2017 में वे अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़ कर चुनाव लड़ने देहरादून सहसपुर सीट पर पहुंचे। यहां से भी उन्हें हार मिली। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वे 1991 से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 44 साल कांग्रेस में काम करने के बाद किशोर भाजपाई हो जाएंगे। क्या 44 साल बाद कांग्रेस में रहकर लोगों की सेवा करने के बाद वो भाजपा का हाथ थामेंगे? बता दें कि किशोर उपाध्याय की कांग्रेस में जाने की चर्चाएं जोरों पर है। इसमे कितनी सच्चाई है ये सबके सामने आ जाएगी क्योंकि राजनीति में कुछ नहीं छुपा। फिर चाहे वो नाराजगी हो या खुशी।