उत्तराखंड शर्मसार : सवर्ण की शादी में दलित ने निकाला खाना, बेरहमी से पिटाई, मौत
हल्द्वानी : उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी अपराध बढ़ रहा है। लोगों की मानसिकता काफी बदल गई है। छोटी छोटी बातों पर आग बबूला होना और अपराध को अंजाम देना आम बात हो गई है। चंपावत से ऐसा ही मामला सामने आया है लेकिन ये मामला उत्तराखंड के शर्मसार कर देने वाला भी है। भारत को एकता का देश कहा जाता है जहां हर धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं लेकिन चंपावत जिले से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है।
वर्ण की बरात में एक दलित को भोजन निकालने पर लोगों ने पीटा
आपको बता दें कि चंपावत में सवर्ण की बरात में एक दलित को भोजन निकालने पर कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा। उसकी हालत गंभीर होने पर उसे लोहाघाट के अस्पताल में छोड़कर चले गए। जहां से चिकित्सकों ने उसे हल्द्वानी के डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बेटे का आरोप है कि बरात में अपने हाथ से खाना निकालने पर पिता को बेरहमी से पिटा गया था। उसने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।
जानकारी मिली है कि चंपावत के देवीधुरा निवासी 45 वर्षीय रमेश राम की टेलर की दुकान थी। वह देवीधुरा के पास केदारनाथ गांव में किराए पर दुकान का कमरा लेकर काम करते थे। मृतक के बेटे ने बताया कि दुकान स्वामी की बरात में 28 नवंबर की सुबह पिता को निमंत्रण मिला था। शाम को जब उसने पिता के नंबर पर फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने काल रिसीव किया और शादी में व्यस्त होने की बात कहते हुए अगले दिन आने को कहा। दूसरे दिन फोन करने पर कहा गया कि पिता बेहोश हैं। और उनको लोहाघाट के अस्पताल में छोड़कर चले गए है।
बेटे ने बताया कि पिता को गंभीर हालत में इलाज के लिए चम्पावत जिला अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें डा. सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई। संजय ने आरोप लगाया है कि पिता के सिर, कमर, घुटना और कोहनी आदि में चोट के निशान हैं। बेटे ने बताया कि एंबुलेंस से हल्द्वानी लाने के दौरान बरात में भोजन निकालने पर मारपीट के बारे में बता रहे थे। उनकी एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। मेडिकल चौकी प्रभारी मनोज आर्य ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।