आपदा प्रभावितों के लिए देवदूत बनी उत्तराखंड पुलिस, 65000 से अधिक लोगों को किया रेस्क्यू

हल्द्वानी: डीजीपी अशोक कुमार पुलिस हल्द्वानी में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने काठगोदाम कॉलटैक्स के सामने धंसी हुई रेलवे लाइन और हल्द्वानी क्षतिग्रस्त गौलापुल के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। डीजीपी ने क्षतिग्रस्त गौलापुल में दुघर्टना की रोकथाम करने के लिए पुल के दोनों ओर पर्याप्त पुलिस बल नियुक्त करने के अधीनस्थों को निर्देश दिए।

उसके बाद उन्होंने बहुउदेद्शीय भवन हल्द्वानी के सभागार में 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक नैनीताल पुलिस की ओर से आपदा के दौरान किये गये समस्त कार्याें की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि नैनीताल पुलिस द्वारा 6113 वाहनों में कुल 13207 व्यक्तियों को पर्वतीय क्षेत्र में जाने से रोका गया। सरकारी आकंड़ों के अनुसार पुलिस ने प्रदेश भर में 65 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया।

8889 लोगों को विस्थापित और 2920 लोगों को रेस्क्यू किया गया। 3646 लोगों को खाद्यया सामग्री वितरित की गयी। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के सहयोग से जनपद पुलिस के द्वारा 32 शवों को निकाला गया, जिसमें 30 शिनाख्त की जा चुकी हैं। आपदा राहत टीम में एनडीआरएफ के 44 जवान, एसडीआरएफ-12, पीएसी -02 कम्पनी, फायर यूनिट-07 टीमें, जल पुलिस-05, सेना-70 जवान एवं जनपदीय पुलिस के 1572 अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।

जनपद में आपदा के दौरान 1604 लोगों द्वारा आपदा से सम्बन्धित सूचनाएं और पुलिस के सोशल मीडिया पर 83 सूचनाएं दी गयी जिनका त्वरित एवं तत्परता से समाधान करते हुये पीड़ितों को यथासम्भव सहायता प्रदान की गयी। आपदा र्ग्र क्षेत्र विश्षेकर रामगढ़,ओखलकाण्डा तथा खैरना क्षेत्र में जहॉ पर विधुत आपूर्ति बन्द होने से फोन/मोबाइल से सर्म्पक ना होने के कारण इन स्थानों में वायरलैस स्थापित किया गया।

डजीपी जनपद नैनीताल पुलिस द्वारा आपदा के दौरान किये गये कार्याे की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल की पीठ थपथपाते हुये पूरी पुलिस टीम की सराहना की। आपदा के दौरान उत्कृष्ट सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को 26 जनवरी को सम्मानित करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही विश्वास जताया की भविष्य में पुलिस द्वारा इसी प्रकार जनता को सहयोग करते हुये अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रहेगी।

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