कर्मकार बोर्ड के ‘शमशेर’ की अध्यक्ष पद से छुट्टी, हरक की जीत, लेकिन झटका भी लगा

देहरादून : बीती शाम कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के लिए दिल को सुकून देने वाली और झटका देने वाली दोनों खबरें आई। सुकून इसलिए क्योंकि शासन ने शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकरा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया है और साथ ही बोर्ड में सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहीं हरिद्वार की उप श्रमायुक्त मधु नेगी चौहान से भी चार्ज वापस ले लिया है। फिलहाल श्रम सचिव को बोर्ड का पदेन अध्यक्ष और पीसीएस अफसर अभिषेक त्रिपाठी को सचिव का कार्यभार दिया गया है।

आपको बता दें कि शमशेर सिंह सत्याल त्रिवेंद्र सरकार के खासमखास माने जाते हैं। उन्ही ने बोर्ड के अध्यक्ष पद पर सत्याल को बैठाया। तभी से हरक सिंह रावत की शमशेर सिंह सत्याल और त्रिवेंद्र से ठनी हुई थी। इसके बाद कर्मकार बोर्ड लगातार विवादों में रहा जिससे सरकार भी असहज हुई। हरक सिंह रावत और त्रिवेंद्र रावत के बीच जुबानी जंग हुई। हरक सिंह सत्याल को हटाने की जंग छेड़े हुए थे जिसके बाद बीती शाम शासन ने शमशेर की छुट्टी कर दी। 

आपको बता दें कि साल 2017 में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार के मंत्री श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी देख रहे थे। लेकिन तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनसे ये जिम्मेदारी वापस लेते हुए शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। त्रिवेंद्र के खासम खास माने जाने वाले शमशेर सिंह को जिम्मेदारी मिलने के बाद बोर्ड विवादों में रहा। कभी साइकिल विवाद तो कभी कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल के लिए बोर्ड से 20 करोड़ जारी हुए, को सत्याल द्वारा वापस लेने की बात हो। बोर्ड हमेशा से विवादों में रहा श्रम मंत्री हरक सिंह ने उन्हें हटाने का विरोध किया था। बाद में त्रिवेंद्र सरकार ने बोर्ड का नए सिरे से गठन कर दिया। सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने नवंबर में पिछले बोर्ड के फैसले पलट दिए। 

जानकारों के मुताबिक, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए पूरी खुली जंग छेड़ दी थी। उन्होंने सरकार के स्तर पर इस मामले को कई बार उठाया। माना जा रहा है कि सत्याल को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का संरक्षण प्राप्त था। शासन ने बोर्ड को भंग करके सत्याल को विदा कर त्रिवेंद्र को असहज किया तो वहीं मधु नेगी चौहान को सचिव पद से हटाकर हरक सिंह को भी झटका दिया।

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