VIDEO : हरक बोले- हम भाजपा नहीं कांग्रेस के बागी, त्रिवेंद्र बोले-हल्के-फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते
देहरादून : 2022 का चुनाव नजदीक है। इससे पहले सियासी भूचाल मचा हुआ है। हरक सिंह रावत को छाए हुए हैं वो भी अपनी बयानबाजी को लेकर और इस जंद के मैदान में अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी कूद गए हैं. बता दें कि कांग्रेस से 2016 में भाजपा में आए हरक समेत 9 नेताओं को लेकर माहौल कर्म है। कांग्रेस के इन बागियों से अब भाजपा को भी डर लगने लगा है। भाजपा भी अब हरक को बागी कहने लगी है। हरक और त्रिवेंद्र के बीच तल्खी पुरानी है और दोनों नेता खुलकर भी एक-दूसरे पर हमला करते आए हैं। त्रिवेंद्र रावत का एक बयान सामने आया है, जिसमें वो इशारों में हरक सिंह रावत को सूखा पत्ता करार दे रहे हैं। त्रिवेंद्र रावत और हरक के बीच एक बार फिर से ठन गई है। दोनों एक दूसरे पर वार करने से चूक नहीं रहे हैं। हरक से बयान से माहौल तो गर्म था ही अब त्रिवेंद्र रावत के बयान से भी सियासत हिल गई है।
हल्के-फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते हैं-त्रिवेंद्र
हरक सिंह रावत के बयानबाजी के बीच त्रिवेंद्र रावत ने बागियों पर पलटवार करते हुए हरक पर भी हमला किया और कहा कि हल्के-फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते हैं। सरकार को दबाव में नहीं आना चाहिए। हरक के एक बार फिर कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा तो त्रिवेंद्र रावत ने भी आग में घी डालने से पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी को दबाव में नहीं आना चाहिए। अब त्रिवेंद्र रावत ने सूखे पत्ते किसे करार दिया है ये वो ही जाने लेकिन समझने वाले समझ गए।
हरक का हमला, कहा-कुछ लोग भाग्य की खाते हैं
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के इस बयान पर हरक सिंह रावत ने पलटवार किया। हरक ने कहा कि कुछ लोग भाग्य की खाते हैं। कुछ लोग मेहनत की खाते हैं। हमने ज्यादा खोदा और हमें पानी कम मिला। कुछ लेागों ने कम खुदान किया और उनको पानी ज्यादा मिल गया। उन्होंने कहा त्रिवेंद्र रावत 2002 में विधायक बने और तीसरी बार में सीएम बन गए। हरक ने इस तरह से सीएम नहीं बन पाने का दर्द भी बयां कर दिया।