उत्तराखंड : हाईकमान के कानों तक पहुंची हरक की टिप्पणी, मंत्री को मुख्यालय में किया तलब, दी कड़ी चेतावनी

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आपसी विवाद एक बार फिर बाहर आ गया है जिससे भाजपा समेत सरकार की किरकिरी हो रही है। बीते दिनों हरक सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ बयानबाजी की और फिर बीते दिन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जिससे पार्टी असहज है। और बता दें कि ये मामला हाईकमान के पास जा पहुंचा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर की गई टिप्पणी को भाजपा ने गंभीरता से लिया है। जानकारी मिली है कि बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक को पार्टी मुख्यालय में बुलाया और केंद्रीय नेतृत्व के सख्त रुख से अवगत कराया। पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे सार्वजनिक बयानबाजी से बाज आएं।

आपको बता दें कि बीते दिन ही हरक सिंह रावत ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हरीश रावत की सरकार के दौरान अगर वो ना बचाते तो त्रिवेंद्र को ढैंचा बीज घोटाला मामले में जेल जाना पड़ता। हरक के इस बयान से सियासी हलचल मच गई। पहले ही संगठन रायपुर से विधायक उमेश काऊ और कार्यकर्ताओं के बीच हुई भिड़ंत मामले की जांच करा रहा है और इस बीच दो दिग्गज आपस में भिड़ गए हैं जिसकी खबर हाईकमान के कानों तक पहुंच गई है। हरक के बयान के बाद त्रिवेंद्र रावत ने संयमित प्रतिक्रिया दी कि हरक तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन बीते दिन त्रिवेंद्र रावत से हरक सिंह के बयान को लेकर सवाल किया गया तो पूर्व सीएम ने कहा कि हमारे यहां कहते हैं कि गधे ढैंचा ढैंचा करते हैं।

वहीं भाजपा सूत्रों के मुताबिक हरक की त्रिवेंद्र पर की गई टिप्पणी का मामला दिल्ली हाईकमान के कानों तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद बुधवार दोपहर में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को प्रदेश संगठन ने प्रदेश मुख्यालय में तलब किया। हरक सिंह रावत एक अन्य कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत के साथ उन्हीं की कार में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। मुख्यालय में प्रदेश और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय के साथ दोनों मंत्रियों की लंबी बैठक चली।

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने इस दौरान कहा कि हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर टिप्पणी मामले में केंद्रीय नेतृत्व सख्त नाराज है। नेतृत्व ने साफ किया कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। पार्टी कार्यकत्र्ता और नेता एक-दूसरे के खिलाफ विवादित बयानों से बचें और खुद पद नियंत्रण रखें। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसी स्थिति पार्टी के लिए उचित नहीं है। इससे पार्टी को नुकसान होगा और जनता में गलत संदेश जाएगा।हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बैठक को रूटीन बैठक करार दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा संगठन व सरकार के बीच इस तरह की बैठकें लगातार हो रही हैं। इसे किसी ओऱ मामले से नहीं जोड़ना चाहिए।

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