आसान नहीं ‘कैड़ा’ की राह, भाजपाइयों को नहीं आ रहे रास, दे डाली ये चेतावनी

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मंत्री-विधायकों का दल बदलने का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड में बीते दिन यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हो गए। उत्तराखंड की सियासत में हलचल मच गई। वहीं लेकिन इससे पहले भाजपा ने भी विपक्षी पार्टियों को झटका दिया था. कुछ दिन पहले ही निर्दलीय विधायक ने भाजपा ज्वॉइन की थी। लेकिन बता भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की राह आसान नजर नहीं है। भले ही केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी में राम सिंह कैड़ा को शामिल कर दिया हो लेकिन विधानसभा में भाजपाइयों को कैड़ा रास नहीं आ रहे हैं.

इस बात का अंदाजा इन तस्वीरों से लगाया जा सकता है जो सोमवार को भीमताल में भाजपा के कार्यकर्ताओं और अब तक विधानसभा से दावेदारी कर रहे जनप्रतिनिधियों ने बड़ी बैठक की है । पूर्व शिक्षा मंत्री और भीमताल विधानसभा से चुनाव की तैयारी कर रहे गोविंद सिंह बिष्ट ने अपने फेसबुक अकाउंट पर स्पष्ट लिखा है…

“आज भीमताल विधान सभा के सभी कार्यकर्ताओं की बैठक भीमताल में हुई जिसमें पूरी विधान सभा के बूथ व शक्तिकेंद्र व मंडल के पदाधिकारी मोर्चों के अध्यक्ष व पदाधिकारियों ने भागीदारी की बैठक में पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह बिष्ट मंडी समिति पूर्व अध्यक्ष मनोज शाह मंडल अध्यक्ष भीमताल मनोज भट्ट धारी अध्यक्ष कैलाश गुणवंत ओखलकांडा अध्यक्ष व रामगढ़ अध्यक्ष तथा विधान सभा के चारो मंडलो के पूर्व अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख श्रीमती आशारानी जिला उपाध्यक्ष श्रीमती कमला आर्या चारों मंडलों के सभी महामंत्री किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री प्रदीप बिष्ट 97 बूथ के अध्यक्ष रहे तथा तय किया कि भीमताल से भाजपा के ही कार्य करता को टिकेट दिया जाय बाहरी व्यक्ति को सहन नही किया जाएगा”

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