भड़के हरदा, कहा-ले लूंगा सन्यास, कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने…
पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर उनके खिलाफ साजिश रचने वालों पर पलटवार किया है। हरीश रावत ने उन पर लगाए जा रहे आरोपों पर वार किया और कहा कि अगर इस पूरे मामले की जांच की मांग को लेकर वे कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गए, तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी। सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने कहा कि मैं जानता हूँ पार्टी को गहरे घाव लगे हैं।
हरीश ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर पैर के हमले करने वालों की बाढ़ आ गई है। धामी की धूम पेज में मुझ पर जुटकर प्रहार कर रहे भाजपाई शोहदों के साथ साथ हमारे एक नेता से जुड़े हुए कुछ लोग भी दनादन मुझ पर गोले दाग रहे हैं। उनको लगता है हरीश रावत को गिराकर मार देने का यही मौका है।मैं अपने घाव को उकेर कर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता हूं। मगर मुझे अपने पर लगातार लगाए जा रहे झूठे आरोप और उसके दुष्प्रचार का खंडन भी करना है। दुष्प्रचार फैलाने वाले चेहरों को बेनकाब भी करना है। फैसला किया है कि भाजपाइयों और एक नेता विशेष के कांग्रेसी छाप दुष्प्रचारकों का भंडाफोड़ भी करना है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि कहां से एक यूनिवर्सिटी का मामला उठा। किसने उसको उठाया। किनके सामने उठाया। उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया, यह कहानी अब सारे राज्य के लोगों को स्पष्ट मालूम है। यूनिवर्सिटी की बात कहने वाले व्यक्ति की सियासी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला नाम भी सामने आ चुका है। एक विस्फोटक बात करने वाले व्यक्ति को हरिद्वार ग्रामीण में पर्यवेक्षक बनाकर किसने भेजा और किसके कहने पर भेजा। यह तथ्य अभी जरूर स्पष्ट नहीं हुआ है। उद्देश्य स्पष्ट था कि हरिद्वार ग्रामीण जो पहले से ही संवेदनशील चुनाव क्षेत्र है, वहां की उम्मीदवार को चुनाव हराना है। वह मेरी बेटी है, अर्थात कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे।
आगे हरीश रावत ने लिखा कि जिस समाचार पत्र में मेरा मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने को लेकर बयान छपा है, यदि कोई वह समाचार पत्र ले आए, तो वे एक लाख ईनाम देंगे। पहले ये ईनाम 50 हजार रुपये था। मैंने समाचार पत्र की 10 प्रतियां लाकर मुझे दिखाने की चुनौती भाजपा के धामी की धूम पेज के शोहदों को दी थी। अब इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ तथाकथित कांग्रेसी छाप लोग भी शामिल हो गए हैं। जिस दिन ये साबित हो गया, तो मैं गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा।